बुंदेलखंड की वो पांच लोकेशन जिनमें छिपा है प्राकृतिक सौंदर्यता का अद्भुत खजाना

= वो धरती जो ब्रह्मा के मानस पुत्रों की है तपोस्थली

= जहां मौजूद है विश्व प्रसिद्ध राम राजा सरकार धाम

= यहां फिल्मकारों ने उतारा था ओथेलो का उपन्यास

दिल्ली, डीजे एंटरटेनमेंट डेस्‍क : पूरे विश्व में अपने शौर्य और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड Bundelkhand एक ऐसा क्षेत्र है जहां प्राकृतिक सौंदर्यता का खजाना छिपा हैं। जरूरत है तो उसे नजरिए से देखने की। ये वो पावन धरती है, जो कभी ब्रम्हा के मानस पुत्रों की तपोस्थली रहीं।

यहां मौजूद राम राजा सरकार Ramraja Sarkar धाम किसी परिचय का मोहताज नहीं। इसी धरती पर फिल्मकारों ने ऑथेलो Othello के उपन्यास को उतारा हैं। आइए अब जानते हैं उन पांच लोकेशन Five Location Of Bundelkhand के बारे में जहां प्रकृति की सौंदर्यता का अद्भुत खजाना मौजूद हैं।

विशाल भारद्वाज, मणिरत्‍नम सहित निर्देशक ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी फिल्मों में बुंदेलखंड की खूबसूरती को बखूबी पेश किया हैं। उन्होंने यहां की प्राकृतिक सौंदर्यता को अपनी फिल्‍म का हिस्सा बनाया। इतना ही नहीं बॉलीवुड के कई निर्देशक ऐसे हैं जिन्‍होंने यहां की प्राकृतिक सौंदर्यता को सेटस के जरिए भी परोसा हैं।

रावण फिल्म Rawan Movie में स्‍थानीय समन्वयक की भूमिका निभा चुके आरिफ शहडोली बताते है क‍ि अभी तक इन निर्देशकों की नजर ओरछा Orchha और कगर की पहाड़ियों पर ही गई हैं। इनमें से कई जगह ऐसी हैं जहां पर निर्देशकों की नजर नहीं गई हैं। अभी कई लोकेशन ऐसी हैं, जो एक्‍सप्‍लोर नहीं हो सकीं हैं। जो रोमांस, सौन्दर्य और हॉरर फिल्मों के हिसाब मुफीद लोकेशन मौजूद हैं।

सनकुआ

बुंदेलखंड के झांसी से करीब 25 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के दतिया Datia Madhya Pradesh के सेवड़ा ब्लॉक में उपस्थित सनकुआ को 68 तीर्थो का भांजा कहा जाता है। यह भूम‍ि ब्रह्मा के मानस पुत्रों सनक, सनन्दन, सनत कुमार की तपोस्थली कही जाती हैं।

धार्मिक लिहाज से आदि शक्ति मां पार्वती की दस महाविद्या हैं। जिनमें काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला को दस महाविद्या के रूप में जाना जाता हैं। इनमें से मां बगलामुखी और माँ धूमावती दतिया में विराजमान हैं। दतिया तंत्र नगरी के नाम से भी जानी जाती है।

कई फिल्मों की शूटिंग में स्‍थानीय समन्वयक की भूमिका निभा चुके कलाकार आरिफ शहडोली Arif Shahdoli के अनुसार यहां की लोकेशन प्रेम के साथ धर्म से जुड़े दृश्यों के लिए बेहतर साबित हो सकती है। भूरे रंग की चट्टानों के बीच कलकल बहती नदी लोगों का ध्यान स्‍वत: खींचती है।

मऊ सहानियां

मध्य प्रदेश के नौगांव में स्थित मऊसहानियां बुन्देली शासक महाराजा छत्रसाल की राजधानी रही है। यहाँ महाराजा छत्रसाल का मकबरा, फाटा पहाड़ पर बना बादल महल, हाथी दरवाजा और कई विशाल तालाब मौजूद हैं। जिनके बीच ‘पीरियड फिल्मों’ की शूटिंग की जा सकती है।

आउटडोर शूटिंग के दौरान यहां की लोकेशन में सामंतवादी परंपरा को बखूबी दर्शाया जा सकता हैं। इसके अलावा यहां का खुला ग्रामीण परिवेश राजसी ठाठ बाट के सीन को दर्शाने के लिहाज से काफी मुफीद हो सकता हैं।मऊसहानियां, एरच, गढ़कुंडार, सनकुआ और श्रीनगर आदि, जहां रोमांस, सौन्दर्य और हॉरर के फिल्मों के लिए मुफीद लोकेशन बहुतायत हैं।

कगर कचनेव

ओथेलो के उपन्यास पर फिल्मकार विशाल भारद्वाज द्वारा बनाई गई फिल्म ओमकारा Omkara Movie में झांसी के बंगरा ब्लॉक के कगर कचनेव का सेटस प्रयोग किया गया हैं। यहां के तिवारी जी के मकान का सेटस लगाया गया है। जिसे ओमकारा का घर दिखाया गया हैं।

स्‍थानीय समन्वयक आरिफ के अनुसार यहां की लोकेशन की तस्वीरें व‍िशाल को भेजी थी। कगर कचनेव की खासियत ये है कि यहां पहाड़ियों के बीच खुला ग्रामीण परिवेश हैं। जिसका उपयोग आउटडोर शूटिंग के लिए किया जा सकता हैं।

गढ़कुंडार

यहां का किला तिलस्मी और हॉरर फिल्मों के दृश्‍याें को दर्शाने के लिहाज से काफी अच्‍छा हैं। बुंदेलखंड की राजधानी माने जाने वाले गढ़कुंडार पर महाराजा खेत सिंह ने शासन किया था। महाराजा खेत सिंह खंगार वंश के शासक थे। यहां मौजूद यह किला किसी तिलस्मी किले से कम नहीं। दरअसल खुले ग्रामीण परिवेश में पहाड़ियों के बीच बसा यह किला दूर से तो किला दिखाई देता है लेकिन पास जाने पर उसे पहाड़ियां अपने आगोश में समेट लेती हैं।

श्रीनगर

इसके अलावा महोबा स्थित श्रीनगर पीतल की मूर्तियों के निर्माण के लिए और श्री नगरी सिक्कों के चलन के लिए दुनिया में विख्यात है। यहाँ स्थित मराठों के मंदिर व खण्डहर पड़े महलों में हॉरर फिल्मों के दृश्यों को फिल्माया जा सकता है।

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